पिछली पोस्ट में मैंने अपनी मुनस्यारी यात्रा के कुछ छायाचित्र प्रस्तुत किए थे ! आज देखिए डॉ पांगती के निजी प्रयासों से बने हेरिटेज म्यूजियम की कुछ तस्वीरें ! डॉ पांगती मुनसियारी के मूल निवासी हैं जिन्होंने वहीं रहकर जोहर घाटी और भोटिया जनजाति पर अपना पी.ऎच.डी का काम पूरा किया ! वे करीब एक दशक पहले मुनस्यारी के इंटरकॉलेज से रिटायर हुए हैं और आजकल दिल्ली में रहने वाले अपने बेटे के द्वारा लाए गए लैपटॉप पर वे लोकभाषा पर काम कर रहे हैं ! .............
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